दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन का पहला दिन छात्रों के लिए बेहद कठिनाई भरा रहा। आधी-अधूरी तैयारी के साथ शुरू हुई ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया जहां उनके लिए टेढ़ी खीर साबित हुई, वहीं ऑफलाइन आवेदन में गर्मी का कहर और केन्द्रों पर कॉमन प्री-एडमिशन फॉर्म की कमी ने उनको खूब छकाया।
हालांकि, डीन छात्र कल्याण प्रो.जेएम खुराना ने साफ किया है कि कुछ केन्द्रों पर आवेदन फॉर्म की कमी की सूचना मिली, पर वहीं प्राथमिकता के साथ फॉर्म पहुंचाए गए। ऑनलाइन आवेदन में डेबिट-क्रेडिट कॉर्ड से भुगतान की सुविधा न मिलने पर हमें खेद है।
ग्रेजुएशन की 54 हजार सीटों पर दाखिले के लिए सोमवार से शुरू हुई आवेदन प्रक्रिया का पहला दिन डीयू प्रशासन के लिए किरकिरी और आवेदकों के लिए परेशानी भरा रहा। सबसे पहला झटका ऑनलाइन आवेदन की आस में घर बैठे आवेदकों को उस समय लगा जब डीयू वेबसाइट पर आवेदन करते समय उन्हें पता चला कि शुल्क का भुगतान क्रेडिट-डेबिट कॉर्ड से नहीं हो सकेगा।
छात्रों को आवेदन फॉर्म भरने के बाद लॉगइन आईडी के साथ इंतजार करना होगा और फिर बैंक से रजिस्ट्रार दिल्ली यूनिवर्सिटी के नाम से देय 100 रुपए का ड्राफ्ट तैयार कर उसका नंबर आवेदन के साथ दर्ज करना होगा। इस व्यवस्था के तहत ड्राफ्ट नंबर देने के बाद भले ही ऑनलाइन फॉर्म जमा हो जाए, लेकिन वह तब तक मान्य नहीं होगा जब तक ड्राफ्ट की कॉपी डाक व व्यक्तिगत रूप से डीन छात्र कल्याण कार्यालय तक नहीं पहुंच जाती।
ऑफलाइन आवेदन भी कम मुश्किलों भरा नहीं रहा। पहले तो भीषण गर्मी की मार झेलकर आवेदक 12 प्रधान डाकघरों व 10 कॉलेज केन्द्रों पर पहुंचे, पर वहां लंबी-लंबी लाइनों में लगकर उनको फॉर्म खरीदने पड़े। इस बीच उनकी मुसीबतें और बढ़ गईं, जिनको दाखिला खिड़की पर पहुंचने पर पचा चला कि फॉर्म ही समाप्त हो गए हैं। उत्तरी परिसर स्थित ऑटर्स फैकल्टी, गार्गी कॉलेज, पीजीडीएवी कॉलेज व दक्षिणी दिल्ली स्थित एक प्रधान डाकघर में भी फॉर्म समय से पहले खत्म हो गए।
ऑनलाइन आवेदन: पेचीदगियां बरकरार
राहत कम और आफत ज्यादा बनकर उभरी डीयू की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया न सिर्फ छात्रों के लिए बल्कि प्रशासन के लिए भी खासी पेचीदगियों भरी साबित हो रही है। पहली परेशानी वह छात्र हैं, जो सीबीएसई बोर्ड के अलावा अन्य किसी बोर्ड के रोल नंबर के माध्यम से आवेदन कर रहे हैं।
ऐसे छात्रों के अंकों का वेरिफिकेशन ऑनलाइन नहीं हो पा रहा है। आवेदन शुल्क से जुड़ी दूसरी परेशानी पर डीन छात्र कल्याण प्रो.जेएम खुराना ने साफ किया है कि डेबिट-क्रेडिट कॉर्ड से भुगतान की सुविधा आगामी आठ जून से शुरू हो जाएगी तब तक ड्रॉफ्ट का ही इस्तेमाल करना होगा(दैनिक भास्कर,दिल्ली,5.6.12)।
नभाटा में भूपेंद्र ने भी जानकारी दी है कि ऑनलाईन दाखिले की तैयारी अधूरी हैः
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने पहली बार सेंट्रलाइज्ड ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का ऑप्शन स्टूडेंट्स को दिया। स्टूडेंट्स ने भी इसे हाथोंहाथ लिया लेकिन पहले ही दिन यूनिवसिर्टी की आधी-अधूरी तैयारी सामने आ गई। शाम 6 बजे तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए 18000 स्टूडेंट्स ने अपने अकाउंट क्रिएट किए और 7500 कैंडिडेट्स ने ऑनलाइन फॉर्म भी भरा लेकिन उन्हें ऑनलाइन पेमेंट का मौका नहीं मिल पाया।
यूनिवर्सिटी के मुताबिक 8 जून या इसके बाद ही स्टूडेंट्स डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के जरिए ऑनलाइन पेमेंट कर पाएंगे। अभी स्टूडेंट्स अगर चाहें तो बैंक ड्राफ्ट के जरिए पेमेंट कर सकते हैं।
खास बात यह है कि यूनिवर्सिटी ने एडमिशन प्रोसेस शुरू होने के एक दिन पहले तक यह नहीं बताया कि ऑनलाइन पेमेंट नहीं हो सकती। सुबह 10 बजे के बाद जब कैंडिडेट्स ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना शुरू किया तो उन्हें पता चला कि ऑनलाइन पेमेंट तो हो ही नहीं सकती। रजिस्ट्रेशन करने वाले कैंडिडेट्स ने बताया कि बैंक ड्राफ्ट का ऑप्शन दिया गया।
फॉर्म में बैंक ड्राफ्ट का नंबर फिल करने का ऑप्शन मौजूद था लेकिन बैंक ड्राफ्ट तो बनवाया ही नहीं था। बाद में उन्होंने बैंक ड्राफ्ट बनवाया। रजिस्ट्रार, दिल्ली यूनिवसिर्टी के नाम से बैंक ड्राफ्ट बनवाना होगा और उसकी डिटेल फॉर्म में भरनी होगी। उसके बाद बैंक ड्राफ्ट की बैक साइड पर ऐप्लिकेशन नंबर व नाम लिखना होगा और उसे स्पीड पोस्ट या रजिस्टर्ड पोस्ट से डीन स्टूडेंट वेलफेयर ऑफिस, नॉर्थ कैंपस भेजना होगा।
ऑनलाइन अप्लाई करने वाले एक कैंडिडेट ने बताया कि फॉर्म में बताया गया है कि बैंक ड्राफ्ट 18 जून से पहले यूनिवसिर्टी को मिल जाना चाहिए लेकिन जो कैंडिडेट 18 जून को अप्लाई करेगा, क्या वह बैंक ड्राफ्ट से पेमेंट नहीं कर पाएगा। यानी कुछ समय के बाद स्टूडेंट्स को बैंक ड्राफ्ट से नहीं बल्कि ऑनलाइन पेमेंट ही करनी होगी। ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनमें स्टूडेंट्स उलझकर रह गए हैं। डीन स्टूडेंट वेलफेयर ऑफिस के अधिकारियों का कहना है कि अभी उन्हें एसबीआई से पेमेंट गेटवे नहीं मिला है। कुछ दिनों बाद ही ऑनलाइन पेमेंट की फैसिलिटी स्टूडेंट्स को मिल सकती है।
दिल्ली यूनिवर्सिटी ने पहली बार सेंट्रलाइज्ड ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन का ऑप्शन स्टूडेंट्स को दिया। स्टूडेंट्स ने भी इसे हाथोंहाथ लिया लेकिन पहले ही दिन यूनिवसिर्टी की आधी-अधूरी तैयारी सामने आ गई। शाम 6 बजे तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए 18000 स्टूडेंट्स ने अपने अकाउंट क्रिएट किए और 7500 कैंडिडेट्स ने ऑनलाइन फॉर्म भी भरा लेकिन उन्हें ऑनलाइन पेमेंट का मौका नहीं मिल पाया।
यूनिवर्सिटी के मुताबिक 8 जून या इसके बाद ही स्टूडेंट्स डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के जरिए ऑनलाइन पेमेंट कर पाएंगे। अभी स्टूडेंट्स अगर चाहें तो बैंक ड्राफ्ट के जरिए पेमेंट कर सकते हैं।
खास बात यह है कि यूनिवर्सिटी ने एडमिशन प्रोसेस शुरू होने के एक दिन पहले तक यह नहीं बताया कि ऑनलाइन पेमेंट नहीं हो सकती। सुबह 10 बजे के बाद जब कैंडिडेट्स ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना शुरू किया तो उन्हें पता चला कि ऑनलाइन पेमेंट तो हो ही नहीं सकती। रजिस्ट्रेशन करने वाले कैंडिडेट्स ने बताया कि बैंक ड्राफ्ट का ऑप्शन दिया गया।
फॉर्म में बैंक ड्राफ्ट का नंबर फिल करने का ऑप्शन मौजूद था लेकिन बैंक ड्राफ्ट तो बनवाया ही नहीं था। बाद में उन्होंने बैंक ड्राफ्ट बनवाया। रजिस्ट्रार, दिल्ली यूनिवसिर्टी के नाम से बैंक ड्राफ्ट बनवाना होगा और उसकी डिटेल फॉर्म में भरनी होगी। उसके बाद बैंक ड्राफ्ट की बैक साइड पर ऐप्लिकेशन नंबर व नाम लिखना होगा और उसे स्पीड पोस्ट या रजिस्टर्ड पोस्ट से डीन स्टूडेंट वेलफेयर ऑफिस, नॉर्थ कैंपस भेजना होगा।
ऑनलाइन अप्लाई करने वाले एक कैंडिडेट ने बताया कि फॉर्म में बताया गया है कि बैंक ड्राफ्ट 18 जून से पहले यूनिवसिर्टी को मिल जाना चाहिए लेकिन जो कैंडिडेट 18 जून को अप्लाई करेगा, क्या वह बैंक ड्राफ्ट से पेमेंट नहीं कर पाएगा। यानी कुछ समय के बाद स्टूडेंट्स को बैंक ड्राफ्ट से नहीं बल्कि ऑनलाइन पेमेंट ही करनी होगी। ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिनमें स्टूडेंट्स उलझकर रह गए हैं। डीन स्टूडेंट वेलफेयर ऑफिस के अधिकारियों का कहना है कि अभी उन्हें एसबीआई से पेमेंट गेटवे नहीं मिला है। कुछ दिनों बाद ही ऑनलाइन पेमेंट की फैसिलिटी स्टूडेंट्स को मिल सकती है।
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