आईटी कंपनियों में नौकरी पाने के लिए नैसकॉम द्वारा लिए जाने वाले टेस्ट में 5-टॉप आईटी कंपनियां भी शामिल हो रही हैं।
विप्रो, टीसीएस, इन्फोसिस, एचसीएल और कॉग्निजेंट ने फैसला किया है कि अगले साल से वे नैसकॉम के टेस्ट के जरिए ही भर्तियां करेंगी। अगले साल से रिटन टेस्ट के लिए केवल एक ही टेस्ट होगा, जिसके स्कोर कार्ड और फिर कंपनियों के इंटरव्यू के जरिए जॉब मिलेंगे।
इससे उन स्टूडेंट्स को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा जिनके कॉलेज में टॉप कंपनियों के कैम्पस नहीं आते। कॉमन नेक एग्जाम अगले सत्र से शुरू किया जाएगा। इसके लिए स्टूडेंट्स को तैयार करने के उद्देश्य से कंपनियां इस साल कैम्पस रिटन टेस्ट के साथ नेक टेस्ट भी लेंगी।
बैंकों ने की थी पहल
बैंकों में नौकरी के लिए लिए जाने वाले कॉमन एग्जाम आईबीपीएस की तर्ज पर नैसकॉम ने 2007 में नेक शुरू किया था, लेकिन इसे बहुत महत्व नहीं मिला। कुछ दिन पहले अप्रैल में हुई नैसकॉम की मीटिंग में इस पर गंभीरता से डिस्कशन हुआ। इसके बाद कंपनियों ने इसे रिटन टेस्ट के तौर पर लेने का फैसला किया।
यह होगा फायदा
हर छोटे-बड़े कॉलेज के स्टूडेंट को बड़ी कंपनियों में नौकरी पाने का मौका मिलेगा। बड़े स्तर पर पैसे, श्रम और समय की बचत होगी। हर कंपनी नेक के स्कोर के आधार पर स्टूडेंट्स सिलेक्ट कर सीधे इंटरव्यू के माध्यम से भर्तियां कर सकेंगी(दैनिक भास्कर,नागपुर,5.6.12)।
सही बात है वर्ना आज तो हालत ये है कि एक ही विश्वविद्यालय के अलग अलग कॉलेज तक दाखिले के लिए ही अपनी अपनी अलग परीक्षाएं आयोजित कर रहे हैं, नौकरी की कौन कहे. इन्सान परीक्षाएं देता देता ही बुढ़ा जाता है
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