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12 जून 2012

हरियाणाःअग्रोहा में बच्चों पर छाया हॉबी कोर्स का जादू

नाना-नानी या दादा-दादी के यहा गर्मी की छुट्टिया बिताना अब बीते जमाने की बात हो चली है। बच्चे अब इन छुट्टियों में अपना मन पसंद कोर्स ज्वाइन कर अपनी योग्यता को ओर अधिक निखारने में जुटे है। ज्यादातर अभिभावक भी यही चाहते है कि उनका बच्चा छुट्टियों में अपनी हॉबी के मुताबिक कोई कोर्स ज्वाइन करे। 

आजकल हॉबी कोर्स का जादू स्कूली बच्चों के सिर चढ़ कर बोल रहा है। कोई बच्चा डास, तो कोई संगीत की क्लास अटेड कर रहा है। कहीं पर्सनैलिटी इंप्रूवमेंट कोर्स चल रहे है, तो कहीं इग्लिश स्पीकिंग कोर्स। हॉबी आर्ट सेंटर में क्ले-माडलिंग, फ्लावर मेकिंग, इटीरियर डेकोरेशन, पॉट डेकोरेशन पेंटिंग और पोस्टर मेकिंग के कोर्स में कई बच्चे प्रशिक्षण ले रहे है। किसी संस्थान में कोई संगीत पर थिरक रहा है, तो कोई व्यंजन बनाना सीखने में जुटा हुआ है। कहीं तरुणिया चित्रों के माध्यम से अपनी कल्पनाओं को मूर्त रूप देने में लगी है, वहीं हालनुमा बड़े कमरे में नन्हे-मुन्ने स्केटिग के जरिये जीवन को रफ्तार देने में मशगूल है। आलम यह है कि शहर के हर तीसरे बच्चे ने हॉबी क्लास ज्वाइन कर रखी है।

कई साल पहले चुनिंदा संस्थानों में ही हॉबी कोर्स चलते थे। अब बच्चों की रुचि व अभिभावकों के रुझान को देखते हुए स्कूल वाले भी पीछे नहीं रहना चाहते। यही वजह है कि आजकल शहर में काफी संख्या में हॉबी कोर्स चल रहे है। संस्थान हॉबी कोर्स का एक माह का पैकेज एक हजार से 2000 रुपये में मुहैया करा रहे है। वहीं स्कूलों में ये कोर्स 500 से 1500 के बीच उपलब्ध है। हॉबी कोर्स ज्वाइन करने वालों में तीन चार साल से लेकर 15-18 साल के किशोर- किशोरी शामिल है। कंप्यूटर सेंटरों के अलावा विभिन्न संस्थानों में बच्चे विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण ले रहे है। आजकल छुट्टियों से स्कूलों में वीरानी सी छाई है, वहीं सेंटरों में रौनक बनी हुई है। व्यक्तित्व में आएगा निखार अभिभावक शशी, अंजू शर्मा, चंद्रकाता, राजीव नंगथला का मानना है कि हॉबी कोर्स शुरू होने से बच्चों के व्यक्तित्व में निखार आएगा। उनका मानना है कि गर्मी की छुट्टियों में इधर-उधर घूमकर व्यर्थ गंवाने से बेहतर है कि समय की महता को समझते हुए, इन दिनों में कुछ हट कर किया जाए(दैनिक जागरण,अग्रोहा,12.6.12)।

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