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09 जून 2012

जानिए डीयू के ईवनिंग कॉलेजों के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी के ईवनिंग कॉलेजों में पहले जहां 4 बजे के बाद क्लासेज शुरू होती थी और कम पर्सेंटेज वाले स्टूडेंट्स ही यहां पर एडमिशन लेते थे। लेकिन पिछले कुछ सालों में तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है। अब ईवनिंग कॉलेजों को ऑफ्टरनून कॉलेज कहना ज्यादा ठीक रहेगा। इन कॉलेजों में 2 बजे से क्लासेज शुरू हो रही हैं। सभी ईवनिंग कॉलेज को- एड हैं और यहां के स्टूडेंट्स अब मॉर्निंग कॉलेजों के स्टूडेंट्स को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। ईवनिंग कॉलेजों के बारे में बता रहे हैं भूपेंद्र : 

यूनिवर्सिटी में रिजल्ट के आंकड़े बताते हैं कि कई कोर्सेज के टॉपर ईवनिंग कॉलेजों से सामने आ रहे हैं। कट ऑफ की बात करें तो कॉमर्स कोर्सेज में हाई स्कोर पर्सेंटेज पर ही स्टूडेंट्स को एडमिशन मिल रहा है। ईवनिंग कॉलजों के प्रिंसिपलों का कहना है कि अब कट ऑफ में ज्यादा फर्क नहीं है और हर साल यह गैप कम हो रहा है। किसी कोर्स में मॉर्निंग कॉलेज में अगर 90 पर्सेंट पर एडमिशन हो रहा है तो ईवनिंग में 85 तक एडमिशन होता है। यानी हाई स्कोर स्टूडेंट्स ईवनिंग कॉलेजों में पढ़ रहे हैं। हालांकि ईवनिंग कॉलेजों में साइंस कोर्सेज नहीं हैं और आर्ट्स व कॉमर्स के कोर्सेज की पढ़ाई होती है। यूजीसी ने भी यूनिवर्सिटीज व कॉलेजों में ईवनिंग शिफ्ट पर खास ध्यान देने की बात कही है। 

यूजीसी का फाइव ईयर प्लान 
- फाइव ईयर प्लान तैयार करने वाले वर्किंग ग्रुप की सिफारिशों के आधार पर यूजीसी ने कहा है कि यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में शिफ्ट सिस्टम शुरू किया जाना चाहिए ताकि मौजूदा सुविधाओं का फायदा ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स को मिल सकें। ईवनिंग कॉलेजों का कॉन्सेप्ट फायदेमंद साबित होगा। 

- अभी डीयू जैसी बड़ी यूनिवर्सिटी के करीब दस कॉलेजों में ही ईवनिंग शिफ्ट चल रही है जबकि डीयू से जुड़े कॉलेजों की संख्या 70 से भी ज्यादा है। ऐसे में दूसरे कॉलेजों में भी ईवनिंग शिफ्ट शुरू की जा सकती है। ऐसे बहुत से कॉलेज हैं , जहां पर मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर है और वहां पर ईवनिंग शिफ्ट में भी स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जा सकता है। 

- यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट में भी ईवनिंग शिफ्ट शुरू कर स्टूडेंट्स को एडमिशन दिया जा सकता है। डीयू के ज्यादा से ज्यादा कॉलेजों में ईवनिंग शिफ्ट शुरू करने की मांग जोर पकड़ती जा रही है। 

- जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में नया कॉलेज शुरू करना आसान नहीं है लेकिन मॉर्निंग कॉलेजों के इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल जा सकता है और वहां पर ईवनिंग शिफ्ट शुरू की जा सकती है। डीयू में दिल्ली सरकार के 28 कॉलेज हैं और इन सभी कॉलेजों में ईवनिंग शिफ्ट शुरू हो सकती है। 

कॉमर्स यहां भी हिट 
मॉर्निंग कॉलेजों की तरह ईवनिंग कॉलेजों में भी बीकॉम ऑनर्स और बीकॉम कोर्स का क्रेज बढ़ता जा रहा है। जो स्टूडेंट्स 3-4 पर्सेंट की कमी के चलते मॉर्निंग कॉलेजों में एडमिशन नहीं ले पाते , वे अपने कोर्स को अहमियत देते हुए ईवनिंग कॉलेजों में एडमिशन लेते हैं। ईवनिंग कॉलेजों में भी कॉमर्स कोसेर्ज की कट ऑफ हाई रहती है। दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स कोर्स की लास्ट कट ऑफ 83 पर्सेंट गई थी। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. दीपक मल्होत्रा का कहना है कि उनके कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स , बीकॉम और दूसरे ऑनर्स कोसेर्ज में फर्स्ट क्लास पाने वाले स्टूडेंट्स ज्यादा हैं और थर्ड क्लास पाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या कम है। इससे साफ है कि यहां के स्टूडेंट्स भी पढ़ाई में मॉर्निंग कॉलेजों से पीछे नहीं है। बल्कि ईवनिंग कॉलेजों का रिजल्ट कई मॉर्निंग कॉलेजों से बेहतर आ रहा है। डॉ. मल्होत्रा ने बताया कि दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज के स्टूडेंट्स आईआईटी दिल्ली , आईआईटी मुंबई , एम्स समेत कई संस्थानों में होने वाली क्लचरल व स्पोर्ट्स एक्टिवटी में भाग लेते हैं और प्राइज जीत रहे हैं। उन्होंने बताया कि कॉलेज में ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एचआरएम) , टूरिज्म जैसे वोकेशनल कोसेर्ज में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स एडमिशन ले रहे हैं। ईवनिंग कॉलेजों में डीपीएस , मॉडर्न , सेंट कोलंबस जैसे टॉप स्कूलों के स्टूडेंट्स भी एडमिशन ले रहे हैं। 

अब स्टूडेंट्स की कमी नहीं  
ईवनिंग कॉलेजों में अब स्टूडेंट्स भी कम नहीं हैं। शहीद भगत सिंह ईवनिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. पी. के. खुराना ने बताया कि अब मॉर्निंग और ईवनिंग कॉलेजों में स्टूडेंट्स की संख्या में 5 पर्सेंट से ज्यादा का फर्क नहीं है। कॉलेज में 1,900 स्टूडेंट्स हैं। उन्होंने बताया कि ईवनिंग कॉलेजों के स्टूडेंट्स स्पोर्ट्स , डिबेट , इंटर-यूनिवर्सिटीज एक्टिवटीज में भी हिस्सा लेते हैं। ज्यादातर ईवनिंग कॉलेजों में क्लासेज दो बजे से शुरू हो जाती हैं। ऐसे स्टूडेंट्स की कमी नहीं है , जिनकी फर्स्ट चॉइस ईवनिंग कॉलेज बन रहे हैं। 

कॉमर्स कोर्सेज को करने वाले स्टूडेंट्स ग्रैजुएशन के साथ-साथ दूसरे कोर्स भी करना चाहते हैं। ऐसे स्टूडेंट्स के पास ईवनिंग कॉलेज के रूप में बेहतर ऑप्शन होता है। दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज में 2,200 से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं और अब ईवनिंग कॉलेजों में स्टूडेंट्स की संख्या भी काफी अधिक है। ईवनिंग कॉलेजों में अब र्गल्स की संख्या हर साल बढ़ रही है। दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज में 30 पर्सेंट गर्ल्स स्टूडेंट्स हैं। 

डीयू के ईवनिंग कॉलेजों में कुछ साल पहले तक गर्ल्स एडमिशन लेने से कतराती थीं , क्लासेज देर से शुरू होना तो एक कारण था ही , साथ ही सिक्युरिटी की भी प्रॉब्लम थी। लेकिन ईवनिंग कॉलेजों ने र्गल्स स्टूडेंट्स के लिए जहां कॉलेज की टाइमिंग आफ्टरनून में कर दी , वहीं उन्हें एडमिशन में भी 3 से 5 पर्सेंट की छूट देनी शुरू की। इन चेंज से ट्रेंड भी बदला और अब हर ईवनिंग कॉलेज में हर साल र्गल्स की संख्या औसतन 5 पर्सेंट तक बढ़ रही है। कॉलेजों में 35-50 पर्सेंट तक गर्ल्स हैं। 

कट ऑफ भी बढ़ी 
ईवनिंग कॉलेजों की कट ऑफ भी बढ़ रही है। इस साल दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स की लास्ट कट ऑफ 83 रही थी और बीकॉम की 79 पर्सेंट। शहीद भगत सिंह ईवनिंग कॉलेज में बीकॉम ऑनर्स की कट ऑफ 85 रही और बीकॉम में 79 पसेर्ंट पर एडमिशन क्लोज हुए। रामानुजन कॉलेज (पहले देशबंधु ईवनिंग कॉलेज) में बीकॉम ऑनर्स की लास्ट कट ऑफ 81 और बीकॉम की 77 पर्सेंट रही। 

ईवनिंग कॉलेज  
देशबंधु ईवनिंग कॉलेज का नाम बदलकर रामानुजन कॉलेज रख दिया गया है और अगले साल से इस कॉलेज में भी मॉर्निंग में क्लासेज शुरू हो जाएंगी। इस साल कॉलेज में दोपहर 2.30 बजे से क्लासेज शुरू होंगी। बाकी ईवनिंग कॉलेजों में दयाल सिंह ईवनिंग कॉलेज , पीजीडीएवी ईवनिंग कॉलेज , रामलाल आनंद ईवनिंग कॉलेज , शहीद भगत सिंह ईवनिंग कॉलेज , श्याम लाल ईवनिंग कॉलेज , सत्यवती ईवनिंग कॉलेज , श्री अरविंदो ईवनिंग कॉलेज , जाकिर हुसैन ईवनिंग कॉलेज , मोतीलाल नेहरू ईवनिंग कॉलेज हैं(नभाटा,दिल्ली,9.6.12)।

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