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09 जून 2012

IIT कानपुर लेगा अलग टेस्ट

सेंट्रल इंजिनियरिंग इंस्टिट्यूट्स में दाखिले के लिए कॉमन एंट्रेंस के खिलाफ आईआईटी कानपुर ने खुली बगावत कर दी है। शुक्रवार को IIT कानपुर की 60 सदस्यीय सेनेट ने 2013 में दाखिले के लिए अलग से एंट्रेंस टेस्ट लेने का फैसला किया। सेनेट का कहना है कि वह सभी IIT, NIT और IIIT के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) में शामिल नहीं होगा। 

दूसरे IIT भी चल सकते हैं इस राह पर 
आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मुंबई व आईआईटी खड़गपुर समेत दूसरे संस्थान भी कॉमन एंट्रेंस का विरोध कर चुके हैं। ऐसे में वह भी इस तरह का फैसला ले सकते हैं। उधर,इन संस्थानों का यह कदम प्रतियोगी छात्रों को उलझन में डाल सकता है। 

सेनेट ले सकती है ऐसा फैसला? 
सेनेट के इस फैसले से विवाद भी खड़ा हो सकता है। आईआईटी कानपुर के सेनेट के ताजा फैसले से यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या कोई IIT मंत्रालय के फैसले को भी दरकिनार कर सकता है? चूंकि सभी IIT केंद्रीय कानून से बने हैं। ऐसे में मंत्रालय के साझा फैसलों की अनदेखी के चलते उनके अधिकारों आदि को फिर से परिभाषित करने की नौबत आ सकती है। वैसे सेनेट के पास दिशा-निर्देश जारी करने और शिक्षा व परीक्षा संबंधी अध्यादेश जारी करने की पावर होती है। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के पास अध्यादेश में सुधार या संशोधन का भी अधिकार है। 

सेनेट की बैठक में भाग लेने वाले प्रफेसर दीपक गुप्ता ने कहा, '2013 के एंट्रेंस टेस्ट में देशभर के छात्र भाग ले सकेंगे। कॉमन एंट्रेंस का मंत्रालय का प्रपोजल 2014 तक टल सकता है। हम अलग से एंट्रेंस टेस्ट लेंगे। इसके लिए एग्जाम कमिटी बनाई जा रही है।' 

मामले पर मिनिस्ट्री की नजर 
उधर, आईआईटी कानुपर के सेनेट के इस फैसले पर मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। उनके मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक संस्थान के इस फैसले पर मंत्रालय की नजर है। मंत्रालय के मुताबिक इस पर आगे विचार किया जाएगा(अभिनव मल्होत्रा,हिमांशी धवन,नभाटा,कानपुर-दिल्ली,9.6.12)। 


दैनिक भास्कर की रिपोर्ट भी देखिएः 
आईआईटी कानपुर ने अगले साल से अपना अलग एंट्रेंस टेस्ट कराने का निर्णय किया है। संस्थान ने आईआईटी सहित सभी इंजीनियरिंग संस्थानों के लिए कॉमन एंट्रेंस टेस्ट कराने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने यह प्रस्ताव किया था। संस्थान की 210 सदस्यों की सीनेट की बैठक में शुक्रवार को अलग टेस्ट कराने का फैसला किया गया। सीनेट के मुताबिक आईआईटी में प्रवेश पर आईआईटी काउंसिल का प्रस्ताव इंस्टीट्यूट्स ऑफ टेक्नोलॉजी एक्ट-1961 और आईआईटी कानपुर के नियमों के विपरीत है। आईआईटी दिल्ली एल्युमिनी के प्रेसीडेंट सोमनाथ भारती ने कहा कि अन्य सीनेट भी ऐसा ही रास्ता अपना सकती हैं। सिब्बल ने कहा था कि आईआईटी काउंसिल की बैठक में एक परीक्षा का प्रस्ताव बिना किसी असहमति के मंजूर हो गया। इसे सात आईआईटी में से चार की सीनेट का समर्थन है। मंत्री ने यह भी कहा था कि अगर किसी एक की भी असहमति हुई तो वह इस प्रस्ताव पर आगे नहीं बढ़ेंगे। काउंसिल में आईआईटी, आईआईआईटी और एनआईटी हैं। सिब्बल ने कहा कि कोई भी असहमत नहीं था इसलिए प्रस्ताव को आगे बढ़ाया गया।

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