नैशनल एलिजीबिलिटी ऐंड एंट्रेस टेस्ट (नीट) को नजरअंदाज करके प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों ने एंट्रेंस टेस्ट के लिए विज्ञापन दिए हैं। कुछ ने टेस्ट की डेट भी घोषित कर दी है। हालांकि, मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीट-2012 परीक्षा हाल ही में हुई थी। इसके आधार पर सभी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश होना था।
नीट का नतीजा आने से पहले ही प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों ने अपने तरीके से एंट्रेंस टेस्ट के लिए विज्ञापन जारी किया है। मेडिकल में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट असमंजस में हैं कि प्राइवेट कॉलेजों की परीक्षा में बैठें या नहीं। प्राइवेट संस्थाओं ने नीट को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है, जिसकी सुनवाई 15 से 17 जनवरी तक चलेगी। मेडिकल काउंसल ऑफ इंडिया और केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के अनुमोदन से राष्ट्रीय परीक्षा का आयोजन करवाया था ताकि छात्र-छात्राओं को जगह-जगह भटकना न पड़े।
इस स्थिति से निपटने के लिए और छात्रों को राहत पहुंचाने के लिए संकल्प मेडिकोज मूवमेंट असोसिएशन का गठन किया है, जिसके संस्थापक अध्यक्ष डॉ. (मेजर) गुलशन गर्ग हैं। उन्होंने बताया कि 15 जनवरी से पहले वह सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे और 'नीट' के पक्ष में दलील प्रस्तुत करेंगे। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भी ज्ञापन देकर 'नीट-2012 पी.जी. परीक्षा
को बचाने की अपील की गई है।
छात्रों के अनुसार प्राइवेट महाविद्यालय पहले प्रवेश परीक्षा हर वर्ष फरवरी और मार्च में लेते थे परंतु अब जानबूझ कर जनवरी में ही ले रहे हैं। उधर, सर्वोच्च न्यायालय ने इन प्राइवेट संस्थाओं को परीक्षा लेने की अनुमति तो दे दी है, लेकिन परिणाम निकालने पर अगले फैसले तक प्रतिबंध लगा दिया है।
डॉ. गुलशन गर्ग का कहना है कि उनकी असोसिएशन 'नीट' के पक्ष में जनमत तैयार कर रही है और भविष्य में मेडिकल प्रफेशनल्स और सभी मेडिकल समुदायों से जुड़ी समस्याओं के समाधान का प्रयास किया जाएगा(नभाटा,हिसार,3.1.13)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।