आगे बढ़ें...
मुख्य समाचारः
31 मई 2010
एशियन विश्वविद्यालय में पढ़ेंगी तेनुघाट की बेटियां
आगे बढ़ें...
जम्मू यूनिवर्सिटी में स्नातक फाइनल के गणित-ए का पेपर दोबारा होगा
आगे बढ़ें...
जम्मू-कश्मीर में स्कूल का रास्ता भूल गई शिक्षा
आगे बढ़ें...
जम्मू-कश्मीर में गुज्जरों के लिए मोबाइल स्कूल
आगे बढ़ें...
फिर से बनेगा उच्च शिक्षा एवं शोध आयोग का मसौदा
आगे बढ़ें...
इग्नू : कम्प्यूटर शिक्षा के लिए छात्राओं को मिलेगी छात्रवृत्ति
आगे बढ़ें...
सिर्फ हव्वा है अंग्रेज़ी माध्यमःउमेश चतुर्वेदी
आगे बढ़ें...
यूपी में बगैर बीटीसी के भी बन जाएंगे मास्टर!
आगे बढ़ें...
शिक्षकों की अनिवार्य योग्यता में ढील का प्रस्ताव
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि देश में शिक्षकों की भारी कमी है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए ‘प्रशिक्षित’ शिक्षकों को नियुक्त करना महत्वपूर्ण चुनौती है। उन्होंने कहा कि इस समस्या को दूर करने के लिए एक ऐसी योजना का प्रस्ताव किया गया है जिसके तहत केंद्र और राज्य-स्तरीय स्कूलों में न्यूनतम पात्रता के आधार पर तीन या पांच वर्ष की एक निर्धारित अवधि के लिए शिक्षकों को नियुक्त किया जाएगा और इस दौरान उन्हें जरूरी पात्रता हासिल करनी होगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से नियुक्त किए गए शिक्षकों को पढ़ाने का ‘अनुभव’ भी मिल जाएगा और वे जरूरी ‘शिक्षक प्रशिक्षण डिग्री’ से भी लैस हो जाएंगे। अधिकारी ने कहा कि शिक्षकों की कमी को दूर करने के इस प्रस्ताव को लागू करने से प्रशिक्षित अनुभवी शिक्षकों का एक बड़ा समूह तैयार हो जाएगा। बहरहाल, उन्होंने कहा कि निर्धारित अवधि में जरूरी पात्रता नहीं हासिल करने वाले शिक्षक पद से हटाए जा सकेगे। देश में मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून हालांकि एक अप्रैल को ही लागू कर दिया गया है लेकिन कई राज्यों को शिक्षकों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्री ने भी देश में 12 लाख शिक्षकों की जरूरत बताई है और राज्यों से इस दिशा में प्रयास करने को कहा है।
उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों ने शिक्षकों की कमी और आरटीई को लागू करने के लिए धन की कमी जैसे विषयों पर मानव संसाधान विकास मंत्री कपिल सिब्बल से चर्चा की है(दैनिक ट्रिब्यून,31 मई,2010)।
आगे बढ़ें...
डीयू के फॉर्म में बेस्ट ऑफ फोर
कंप्यूटर साइंस में अंग्रेजी, गणित और दो इलेक्टिव के आधार पर बेस्ट ऑफ फोर निकाला जाता है। प्रमुख बात ध्यान रखने की है कि डीयू के लिए अतिरिक्त विषय नहीं होते हैं। आपने जिन विषय की पढ़ाई की है तो उसे बेस्ट ऑफ फोर की सूची में शामिल किया जाता है
अगर आप वोकेशनल विषय शामिल नहीं कर रहे हैं तो बेहतर है। अगर आप उसे बेस्ट ऑफ फोर में शामिल कर रहे हैं तो कुछ कॉलेज उसके नंबर कम कर सकते हैं। ऐसे में इस बात का ध्यान रखें-
अगर कोई विषय जिसे आपने पाठय़क्रम के दौरान पढ़ा है लेकिन जिस विषय में आप दाखिला लेने जा रहे हैं वह उससे संबद्ध नहीं है तो कॉलेज उसे हटा सकता हैं। उदाहरण के तौर पर अगर आपने इकोनॉमिक्स पढ़ी है और आप चाहते हैं कि ज्योग्राफी में दाखिले के दौरान बेस्ट ऑफ फोर में शामिल किया जाए लेकिन यह कॉलेज पर है कि वह इसे मानें या नहीं। कॉलेज अपनी एडमिशन कमेटी के द्वारा कई डिग्री कोर्स में कुछ विषय छोड़ सकता है। इसलिए दाखिले से पहले कॉलेज की बेवसाइट को जरूर जांच ले।
कंपार्टमेंट
कंपार्टमेंट वाले छात्रों के मन में एक बड़ी समस्या होती है कि उनके बेस्ट ऑफ फोर का आकलन किस तरह किया जाएगा। एक सीधा सा फॉमूर्ला ध्यान रखें कि आपकी जिस विषय में कंपार्टमेंट आई है उसमें पासिंग अंक जोड़ ले। उदाहरण के लिए आपने बारहवीं में इकोनॉमिक्स विषय लिया है तो बेस्ट ऑफ फोर का आकलन करने के लिए आप उसमें 33 अंक जोड़ ले।
किसी विषय में फेल होने पर
अगर कोई छात्र किसी विषय में फेल है तो उस स्थिति में क्या उसे दाखिला मिल सकता है। उदाहरण के तौर पर एक छात्र के बारहवीं में अंग्रेजी, भौतिकी, केमेस्ट्री, इंजीनियरिंग ड्राइंग, फिजिकल एजुकेशन, मैथ में क्रमश: 79,57,50,91,76 और 18 है। वह गणित में अनुत्तीर्ण है। क्या उसे डीयू में दाखिला मिल सकता है। जबकि उसका बेस्ट ऑफ फोर 76 प्रतिशत है। डीयू के कुछ कोर्स में उसे दाखिला मिल सकता है। फिलहाल उसे कॉमन प्री एडमिशन फॉर्म में सभी कोर्स में आवेदन करना चाहिए। साइंस के कोर्स में दाखिला मिलना मुश्किल होगा(हिंदुस्तान,दिल्ली,31.5.2010)।
आगे बढ़ें...
एक नज़र दिल्ली विश्वविद्यालय के तीनों नए कोर्स पर
जेरन्टोलॉजी में पीजी डिप्लोमा
इंस्टीट्यूट ऑफ होम इकोनॉमिक्स अपने यहां पहली बार पीजी डिप्लोमा इन हैल्थ एंड सोशल जेरन्टोलॉजी का कोर्स शुरू किया है। बुजुर्गों की देखभाल एक बड़ी समस्या के रूप उभर कर सामने आ रही है। सामाजिक संरचना में बदलाव के कारण आज महानगरों और बड़े शहरों में ऐसे बुजुर्गों की देखभाल की खासी जरूरत है। इन बुजुर्गों का ख्याल करते हुए ही आज शहरों में रिक्रिएशन सेंटर खोले जा रहे हैं। अस्पताल और आशियाने बनाए जा रहे हैं, जहां इनकी सेहत का ख्याल करते हुए उचित परिवेश दिया जा सके। कोर्स को-ऑर्डिनेटर डॉ. सीमा पुरी के मुताबिक इन जगहों पर ऐसे प्रोफेशनल्स की तलाश रहती है, जो सही तरीके से देखभाल कर सकें। हैल्थ एंड सोशल जेरन्टोलॉजी यानी जराविज्ञान का कोर्स इन जरूरतों के हिसाब से छात्रों को तैयार करेगा। इसमें पूरे साल में दो सेमेस्टर के अंदर छात्रों को दस पेपर पढ़ने होंगे।
दाखिला और करियर
छात्र स्नातक परीक्षा समाजविज्ञान, होम साइंस या साइंस में 50 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण हों। इसके अलावा इस कोर्स में प्रोफेशनल डिग्री धारकों को भी दाखिले का मौका मिलेगा, जिन्होंने फिजियोथेरेपी, ऑक्युपेशनल थेरेपी या नर्सिग में 50 फीसदी अंकों के साथ ग्रेजुएशन किया है। इसके बाद मेरिट के आधार पर 25 सीटों पर छात्रों को दाखिला दिया जाएगा। कोर्स करने वाले छात्र बुजुर्गों पर कराई जा रही रिसर्च में भाग ले सकते हैं या उनके लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर होने वाले ट्रेनिंग, वेलफेयर प्रोग्राम और सर्विस में काम कर सकते हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के एनजीओ और कम्युनिटी आधारित ऑर्गेनाइजेशन से आप जुड़ सकते हैं।
एमएससी इंटीग्रेटेड इन अर्थ साइंस
नये कोर्स के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय में इस बार स्नातक स्तर पर छात्रों को इंटीग्रेटेड कोर्स में दाखिला पाने का मौका मिलेगा। इस कड़ी में यहां भूगर्भ विभाग में पांच वर्षीय कोर्स एमएससी इंटीग्रेटेड इन अर्थ साइंस शुरू किया गया है। छात्र यहां 12वीं के बाद ही प्रवेश पा सकते हैं। आईआईटी जेईई में बैठने वाले छात्रों को मेरिट के हिसाब से यहां दाखिला दिया जाएगा। इसके बाद भी अगर सीटें बची रहती हैं तो 12वीं बोर्ड परीक्षा में न्यूनतम 70 फीसदी अंक हासिल करने वाले छात्रों को भी मेरिट के आधार पर दाखिला दिया जाएगा। प्रो. दुबे के मुताबिक कोर्स में 25 सीटें हैं। कोर्स पूरा करने पर बीएससी और एमएससी, दोनों डिग्री इसके तहत मिलेंगी। कोर्स में दाखिले की प्रक्रिया जारी है। यह कोर्स मुख्य तौर पर चार पार्ट का कॉम्बीनेशन है, जिसमें जियोलॉजी, मरीन साइंस, जियोफिजिक्स और मौसम विज्ञान है। इसमें छात्रों को पांच साल के अंदर दस सेमेस्टर पास करने होंगे, छह सेमेस्टर स्नातक स्तर पर और चार स्नातकोत्तर स्तर पर।
पीजी डिप्लोमा इन नैनोटेक्नोलॉजी
मैत्रेयी कॉलेज में शुरू हुए इस कोर्स में दाखिला उन्हीं छात्रों को मिलेगा, जो स्नातक साइंस से पास हों और कम से कम 50 फीसदी अंक हों। बीटेक डिग्री धारक छात्र भी इसमें आवेदन कर सकते हैं। जिन लोगों ने स्नातक में आखिरी वर्ष की परीक्षा दी है, वे भी चाहें तो आवेदन कर सकते हैं। दाखिले के लिए एक एप्टीटय़ूड टैस्ट देना होगा। इस कोर्स में 30 सीटें हैं। कॉलेज प्रशासन इस कोर्स में लड़के-लड़कियों, दोनों को पढ़ने का मौका देगा। इच्छुक छात्र कॉलेज की वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड करके आवेदन कर सकते हैं। यह कॉलेज में 21 जून तक पहुंच जाना चाहिए। 30 जून को प्रवेश परीक्षा है(हिंदुस्तान,दिल्ली,25.5.2010)
आगे बढ़ें...
दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज,पते,फोन और वेबसाईट
उत्तरी दिल्ली
अदिति महाविद्यालय (वुमन)
औचंदी रोड, बवाना, दिल्ली
फोन : 27752741
www.amv94.org
दौलतराम कॉलेज (वुमन)
यूनिवर्सिटी एन्क्लेव, दिल्ली विश्वविद्यालय
फोन : 27667863
www.daulatramcollege.net
हिन्दू कॉलेज
यूनिवर्सिटी एन्क्लेव, दिल्ली विश्वविद्यालय
फोन : 27667184
www.hinducollege.org
हंसराज कॉलेज
मल्कागंज, यूनिवर्सिटी एन्क्लेव, दिल्ली विश्वविद्यालय
फोन : 27667747
www.hansrajcollege.edu.in
इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर वुमन
31, शामनाथ मार्ग, दिल्ली
फोन : 23954085
www.ipcollege.com
किरोड़ीमल कॉलेज
यूनिवर्सिटी एन्क्लेव, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
फोन : 27667861
www.kmcollege.com
मिरांडा हाउस (वुमन)
पटेल चेस्ट मार्ग, दिल्ली विश्वविद्यालय
फोन : 27667367
www.mirandahouse.ac.in
रामजस कॉलेज
यूनिवर्सिटी एन्क्लेव, दिल्ली
विश्वविद्यालय
फोन : 27667706
www.ramjascollege.edu
सेंट स्टीफन्स कॉलेज
यूनिवर्सिटी एन्क्लेव, दिल्ली
विश्वविद्यालय
फोन : 27667271
www.ststephens.edu
श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स
यूनिवर्सिटी एन्क्लेव, दिल्ली
विश्वविद्यालय
फोन : 27666519
www.srcc.edu
श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज
यूनिवर्सिटी एन्क्लेव, दिल्ली
विश्वविद्यालय
फोन : 27667469
www.sgtbkhalsadu.ac.in
स्वामी श्रद्धानन्द कॉलेज
अलीपुर, दिल्ली
फोन : 27206722
www.ssncollege.com
स्कूल ऑफ ओपन लर्निग
5, कैवेलरी लाइन, दिल्ली विश्वविद्यालय
फोन : 27667600
www.sol.du.ac.in
पश्चिमी दिल्ली
भगिनि निवेदिता कॉलेज (वुमन)
केर (नजफगढ़ के पास), नई दिल्ली
फोन : 28017485
दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज
शिवाजी मार्ग, कर्मपुरा, नई दिल्ली
फोन : 25458173
www.dducollege.du.ac.in
भारती कॉलेज (वुमन)
सी-4, जनकपुरी, दिल्ली
फोन : 25547328
www.bharaticollege.com
जानकी देवी मैमोरियल (वुमन)
सर गंगाराम हॉस्पिटल मार्ग, नई दिल्ली
फोन : 25787754
www.jdm.du.ac.in
कालिंदी कॉलेज (महिला)
ईस्ट पटेल नगर, नई दिल्ली
फोन : 25787604
www.kalindi.du.ac.in
भास्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंस
से.-2, फेज-1, द्वारका, नई दिल्ली
फोन : 25087597
www.bcas.du.ac.in
केशव महाविद्यालय
एच-4-5 जोन, रोड नं. 43, पीतम पुरा, फोन : 27018805
www.keshav.du.ac.in
लक्ष्मीबाई कॉलेज (महिला)
अशोक विहार, फेज-3, दिल्ली
फोन : 27308598
www.lbc.du.ac.in
राजधानी कॉलेज
रिंग रोड, राजा गार्डन, नई दिल्ली
फोन : 25930752
www.rajdhani.du.ac.in
शिवाजी कॉलेज
रिंग रोड, राजा गार्डन, नई दिल्ली
फोन : 25109078
www.shivaji.ac.in
श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज (महिला)
पंजाबी बाग (पश्चिम), रोड नं. 57, नई दिल्ली,
फोन : 25224499
www.spmcollegedu.com
श्री गुरु गोविंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स
टीवी टावर के पास, पीतमपुरा, दिल्ली
फोन : 27321528
www.sggscc.ac.in
श्री गुरु नानक देव खालसा कॉलेज
देवनगर, करोलबाग, नई दिल्ली
फोन : 28729399
www.sgndkc.com
सत्यवती कॉलेज
अशोक विहार, फेज-3, दिल्ली
फोन : 27219570
www.satyawati.du.ac.in
इंदिरा गांधी इंस्टीटय़ूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेज
बी ब्लॉक, विकासपुरी, नई दिल्ली
फोन : 25593497
www.igipess.com
धौला कुआं
आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज (एआरएसडी)
धौलाकुआं, नई दिल्ली,
फोन : 24113436
www.arsdcollege.net
दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट एंड कॉमर्स (डीसीएसी)
नेताजी नगर, नई दिल्ली,
फोन : 24109821
www.dcac.du.ac.in
जीसस एंड मेरी कॉलेज (महिला)
चाणक्यपुरी, बापू धाम कॉम्पलेक्स, नई दिल्ली
फोन : 26110041
www.jmcdelhi.com
मैत्रेयी कॉलेज (महिला)
चाणक्यपुरी, बापू धाम कॉम्प्लेक्स, नई दिल्ली
फोन : 24673815
www.maitreyi.du.ac.in
मोतीलाल नेहरू कॉलेज
बेनितो जुरेज मार्ग, नई दिल्ली
फोन : 24112604
www.mlncdu.ac.in
मोतीलाल नेहरू कॉलेज (सांध्य)
बेनितो जुरेज मार्ग, नई दिल्ली
फोन : 24110030
www.mlnce.org
रामलाल आनंद कॉलेज
बेनितो जुरेज मार्ग, नई दिल्ली
फोन : 24112557
www.rlacollege.edu.in
रामलाल आनंद कॉलेज (ईवनिंग)
बेनितो जुरेज मार्ग, नई दिल्ली
फोन : 24110490
श्री वेंकटेश्वर कॉलेज
धौला कुआं, साउथ कैंपस, नई दिल्ली
फोन : 24112196
www.svc.ac.in
दक्षिणी दिल्ली
आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज
गोविंदपुरी, कालकाजी, नई दिल्ली
फोन : 26294542
www.andcollege.du.ac.in
कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज
त्रिवेणी (शेख सराय), फेज-2, नई दिल्ली
फोन : 29258544
www.cvsdu.com
देशबंधु कॉलेज
कालकाजी, नई दिल्ली
फोन : 26439565
www.deshbandhucollege.ac.in
देशबंधु कॉलेज (सांध्य)
कालकाजी, नई दिल्ली,
फोन : 26430192
www.deshbandhuevening.com
दयालसिंह कॉलेज
लोधी रोड, नई दिल्ली
फोन : 24367819
www.dsc.du.ac.in
दयालसिंह कॉलेज (सांध्य)
लोधी रोड, नई दिल्ली,
फोन : 24367658
गार्गी कॉलेज (महिला)
सिरी फोर्ट रोड, नई दिल्ली
फोन : 26494544
www.gargicollege.in
कमला नेहरू कॉलेज (महिला)
अगस्त क्रांति मार्ग, नई दिल्ली
फोन : 26494881
www.kamlanehrucollege.org
लेडी श्रीराम कॉलेज फॉर वुमन
लाजपत नगर, नई दिल्ली
फोन : 26434459
www.lsrcollege.org
पीजीडीएवी कॉलेज
नेहरू नगर, रिंग रोड, नई दिल्ली
फोन : 29832092
www.pgdav.du.ac.in
पीजीडीएवी कॉलेज (सांध्य)
नेहरू नगर, रिंग रोड, नई दिल्ली
फोन : 29845214
www.pgdavevenig.in
श्री अरविंदो कॉलेज
मालवीय नगर, नई दिल्ली
फोन : 26692986
शहीद भगत सिंह कॉलेज
शेख सराय, फेज- 2, नई दिल्ली
फोन : 29250306
www.sbsc.in
शहीद भगत सिंह कॉलेज (सांध्य)
शेख सराय, फेज-2, नई दिल्ली
फोन : 29253430
www.sbsec.org
इंस्टीटय़ूट ऑफ होम इकोनॉमिक्स
एफ-4, हौज खास एन्क्लेव, नई दिल्ली
फोन : 26532402
www.ihe-du.com
दिल्ली इंस्टीटय़ूट ऑफ फार्मास्युटिकल साइंस एंड रिसर्च
पुष्प विहार, से.-3, नई दिल्ली
फोन : 29554327
www.dipsar.in
श्री अरविंदो कॉलेज (सांध्य)
मालवीय नगर, नई दिल्ली
फोन : 26692535
www.aurobindoe.su.ac.in
पूर्वी दिल्ली
डॉ. भीमराव अम्बेडकर कॉलेज
यमुना विहार, दिल्ली
फोन : 22814126
www.brambedkarcollege.org
विवेकानंद कॉलेज (महिला)
विवेक विहार, दिल्ली
फोन : 22150100
www.vivekanandacollege.edu.in
श्यामलाल कॉलेज
जी.टी. रोड, शाहदरा, दिल्ली
फोन : 22324086
www.shyamlal.du.ac.in
श्यामलाल कॉलेज (सांध्य)
जी.टी. रोड ,शाहदरा, दिल्ली
फोन : 22324883
www.shyamlalcollegeeve. com
महाराजा अग्रसेन कॉलेज
पॉकेट-4, मयूर विहार, फेज-1, दिल्ली
फोन : 22714333
www.mac.du.ac.in
शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज
झिलमिल कॉलोनी, विवेक विहार, दिल्ली
फोन : 22154581
www.sscbsdu.ac.in
शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज फॉर वुमन
झिलमिल कॉलोनी, विवेक विहार, दिल्ली
फोन : 22146024
www.rajgurucollege.org
मध्य दिल्ली
माता सुंदरी कॉलेज फॉर वुमन
माता सुंदरी लेन, नई दिल्ली
फोन : 23237291
www.ms.du.ac.in
जाकिर हुसैन कॉलेज
जवाहरलाल नेहरू मार्ग, नई दिल्ली
फोन : 23233420
www.zakirhusaincollege.in
जाकिर हुसैन कॉलेज (सांध्य)
जवाहरलाल नेहरू मार्ग, नई दिल्ली
फोन : 23231899
www.zhe.du.ac.in
अहिल्याबाई कॉलेज ऑफ नर्सिग
एलएनजेपी हॉस्पिटल कैम्पस,
जवाहरलाल नेहरू मार्ग, नई दिल्ली
फोन : 23231621
लेडी इरविन कॉलेज (महिला)
सिकंदरा रोड, नई दिल्ली
फोन : 23311222
www.ladyirwin.edu.in
पं. दीनदयाल इंस्टीटयूट फॉर द फिजिकली हैन्डीकैप्ड
4, विष्णु दिगंबर मार्ग, नई दिल्ली
फोन : 23233672
www.iphnewdelhi.in
इंस्टीटय़ूशन आउटसाइड इंडिया शेरब्त्से कॉलेज
पीओ-कंगलुंग, भूटान
फोन : 00975-40-535100
(हिंदुस्तान,26.5.2010)
आगे बढ़ें...
डाटाबेस से पकड़े जाएंगे फर्जी मेडिकल कालेज
मेडिकल कौंसिल ऑफ इंडिया के एक पदाधिकारी द्वारा हाल ही में रिश्वत लेकर मान्यता देने का मामला उजागर हुआ था। इसे देखते हुए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने सभी मेडिकल कालेजों का डाटाबेस तैयार करने का फैसला लिया है। एमसीआई ने देश के सभी 236 मेडिकल कालेजों को सकरुलर जारी कर नए सिरे से कालेजों की सम्पूर्ण जानकारी मांगी है।
सकरुलर में मेडिकल कालेजों के रजिस्ट्रेशन से लेकर अस्पताल व कालेज का क्षेत्रफल, यहां बिस्तरों की संख्या, स्टाफ व डाक्टरों की संख्या, आउटडोर व इनडोर आने वाले मरीजों की संख्या, मरीजों के लिए इलाज व जांच में इस्तेमाल की जाने वाली मशीनों की संख्या, अपग्रेड मेडिकल प्रोग्राम, अपग्रेड फक्शनल प्रोग्राम सहित 36 बिंदुओं में जवाब भेजने के लिए कहा गया है।
मेडिकल कालेजों से 5 जून की शाम 5 बजे तक चाही गई जानकारियां अनिवार्य रूप से मांगी गई है। इधर, मेडिकल कालेजों का इस तरह का सकरुलर भेजने से कई कालेज प्रबंधन सकते में है। इससे डाटाबेस से रिश्वत देकर मान्यता लेने वाले चिकित्सा शिक्षा संस्थानों का पोल खुलने की उम्मीद है। एमसीआई बोर्ड आफ गवर्नर्स के अधीन काम करता है(दैनिक भास्कर,31.5.2010)।
आगे बढ़ें...
पंजाब विश्वविद्यालय में नामांकन में सहयोग पर सीनियर को रोज़ाना 200 रूपए
इसकी शुरुआत कैम्पस में नए आने वाले स्टूडेंट्स को सही गाइडेंस देने से होगी। और यह गाइडेंस देंगे पीयू के मौजूदा स्टूडेंट। इसके लिए पीयू प्रशासन उन्हें रोजाना 200 रुपये का भुगतान भी करेगा। इस काम के लिए सेशन शुरू होने से पहले सीनियर स्टूडेंट्स से आवेदन मांगे जाएंगे।
करना होगा आवेदन
हर साल कैम्पस में नए स्टूडेंट्स के लिए हेल्प डेस्क लगते हैं। इनमें से ज्यादातर डेस्क छात्र संगठनों की ओर से लगाए जाते हैं। पीयू प्रशासन भी हेल्प डेस्क लगाता है। लेकिन, इस बार टीचरों के साथ-साथ यूनिवर्सिटी के सीनियर स्टूडेंट्स नए मेहमानों की हेल्प के लिए मोर्चा संभालेंगे। इस काम के लिए यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर या पुराने स्टूडेंट्स की मदद ली जाएगी। इच्छुक स्टूडेंट्स के आवेदन आने के बाद चयन किया जाएगा। चुने गए स्टूडेंट्स को हेल्प डेस्क संभालने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। एडमिशन शुरू होते ही यह सीनियर स्टूडेंट टीचरों के साथ हेल्प डेस्क संभालेंगे।
पंजाब यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. आरसी सोबती कहते हैं कि कैम्पस को ‘जीरो टोलरेंस’ बनाने के लिए सीनियर स्टूडेंट्स की मदद लेने जा रही है। इससे सेशन के शुरू में आने वाले नए स्टूडेंट्स को हिंसक घटनाओं या रैगिंग से दूर रहने के बारे में जानकारी दी जाएगी। इन स्टूडेंट्स को फॉर्म भरने से लेकर हॉस्टल लेने तक की जानकारी दी जाएगी(दैनिक भास्कर,31.5.2010 में चंडीगढ़ से अधीर रोहाल की रिपोर्ट)।
आगे बढ़ें...
बैंक ऑफ राजस्थान के कर्मचारियों की नौकरी रहेगी सुरक्षित
आईसीआईसीआई बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ चंदा कोचर ने बातचीत में यह भरोसा दिलाया कि बीओआर के विलय के बाद उसके कर्मचारी आईसीआईसीआई बैंक के परिवार के सदस्य होंगे। कोचर का यह बयान इस दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि बीओआर की तीन प्रमुख यूनियनों ने इस विलय के खिलाफ 4 और 5 जून को हड़ताल की चेतावनी दी है। इन यूनियनों को आशंका है कि विलय के बाद बीओआर के कर्मचारियों की छंटनी की जा सकती है। माना जा रहा है कि कोचर के इस बयान के बाद बीओआर की यूनियनों का रुख नरम पड़ेगा।
कोचर ने कहा, हम अपने में किसी अन्य बैंक का विलय करते हैं, तो टेक ओवर किए गए बैंक के कर्मचारी हमारे परिवार के सदस्य बन जाते हैं। हम उनके साथ भी उसी तरह का व्यवहार करते हैं, जैसा आईसीआईसीआई बैंक के कर्मचारियों के साथ किया जाता है।
कोचर ने इस आशंका को पूरी तरह खारिज कर दिया कि आईसीआईसीआई में बैंक ऑफ राजस्थान के विलय के बाद उसके कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी। उन्होंने कहा कि बीओआर के किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं होगी(नवभारत टाइम्स,जयपुर,29.5.2010)।
आगे बढ़ें...
29 मई 2010
सैन्य भर्तियों पर स्पाई कैम की नजर
आगे बढ़ें...
बलिया के नियुक्ति घोटाले पर सख्त हुआ हाईकोर्ट
आगे बढ़ें...
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में बीएड की परीक्षा कराने का आदेश
आगे बढ़ें...
उर्दू और अवधी
आगे बढ़ें...
यूपी में पीजीएमई काउंसिलिंग शुरू
आगे बढ़ें...
इग्नू की सेमेस्टर परीक्षाएं 1 जून से
आगे बढ़ें...
दिल्ली में करियर मेला आज से
आगे बढ़ें...
28 मई 2010
केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देना बना गले की फांस
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने पिछले साल १५ केंद्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना की घोषणा की थी, जिनमें से तीन राज्य विश्वविद्यालयों का दर्जा बढ़ाकर उन्हें केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया था। इससे पहले अलग-अलग चरणों में कई विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाया गया था। आज स्थिति यह है कि पिछले साल जिन तीन राज्य विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया, उनके समेत पहले के संस्थान भी किसी न किसी विवाद में फंसे हुए हैं। पिछले साल मध्य प्रदेश के सागर जिले के हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास विश्वविद्यालय और उत्तराखंड के हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय को दर्जा तो केंद्रीय विश्वविद्यालय का मिल गया, लेकिन उनके प्रशासन से लेकर पाठ्यक्रम में तब्दीली की रफ्तार बहुत धीमी है।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र के सख्त निर्देशों के बावजूद इनमें बैक डोर से नियुक्तियां की गईं। ऐसा तब हुआ जब केंद्र ने इन विश्वविद्यालयों को दर्जा बढ़ाने की सूचना के साथ ही यह नोटिस भी भेज दिया था कि बिना विज्ञापित किए तथा घोषित चयन प्रक्रिया अपनाए कोई भी नियुक्ति इनके लिए अमान्य होगी। अधिकारी का कहना है कि मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ से ये शिकायतें मंत्रालय के पास आई हैं कि गलत तरीके से नियुक्तियां की गई हैं। इसी तरह से पाठ्यक्रम और ढांचागत परिवर्तन के लिए संस्थान के प्रमुख तैयार नहीं हो रहे हैं।
इसके चलते इन केंद्रीय विश्वविद्यालयों का कामकाज सही ढंग से शुरू ही नहीं हो पा रहा है। कई वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि इन संस्थानों में नए कुलपति को बैठाने भर से समस्या हल नहीं हो जाएगी। ऐसा अरुणाचल प्रदेश के मामले में देखा जा चुका है जहां केसी बलियप्पा को कुलपति बनाने के बाद से विवाद ठंडा नहीं पड़ा। अधिकारियों का मानना है कि इसके पीछे कहीं स्थानीय ठेकेदारों, विश्वविद्यालय के स्थानीय अधिकारियों और नेताओं का गठजोड़ शामिल है जो निर्माण कार्य के ठेके को हासिल करना चाहते हैं। ठेके की यह समस्या कमोबेश हर उस विश्वविद्यालय में आ रही है जिन्हें केंद्रीय बनाया गया है(नई दुनिया,दिल्ली,26.5.2010 में भाषा सिंह की रिपोर्ट)।
आगे बढ़ें...
मध्यप्रदेश में कॉलेज में 7.70 लाख छात्रों को मिलेगा प्रवेश
सूत्रों के मुताबिक, इस बारे में उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव ने तकनीकी शिक्षा, कृषि तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की गयी संक्षिप्त कार्ययोजना भेजी है। उनसे अनुरोध किया गया है कि वे भी इस संबंध में अपनी कार्ययोजना तैयार कर शीघ्र भेजें, ताकि एक कार्ययोजना इसी अकादमिक सत्र से शुरू की जा सके।
सकल नामांकन दर बढ़ाने की प्रस्तावित कार्ययोजना के अनुसार वर्ष 2010-11 तक नामांकन संख्या 6 लाख 90 हजार, वर्ष 2010-11 तक 7 लाख 30 हजार तथा वर्ष 2012-13 तक 7 लाख 70 हजार की जानी है। वर्ष 2009-10 में प्रदेश के महाविद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या 6 लाख 50 हजार और सकल नामांकन दर 12.5 प्रतिशत है(नवभारत टाइम्स,भोपाल,26 मई,2010)
आगे बढ़ें...
राजस्थान में प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए आर्थिक सहायता
अधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि नियमों के तहत राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवा (सीधी भर्ती) संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के लिए युवाओं को तीन किस्तों में सहायता राशि स्वीकृत की जाएगी। प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर 25 हजार रुपए, मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर 20 हजार रुपए और साक्षात्कार में उत्तीर्ण (अंतिम रूप में चयन) होने पर पांच हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में शामिल युवाओं को प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण होने पर 65 हजार रुपए, मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर 30 हजार रुपए तथा साक्षात्कार में उत्तीर्ण होने पर पांच हजार रुपए दिए जाएंगे(नवभारत टाइम्स,जयपुर,26 मई,2010)
आगे बढ़ें...
गुजरात में सरकारी भर्ती का रास्ता खुला
इसी क्रम में सरकारी भर्ती पर 25 साल से लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया है। सामान्य प्रशासनिक विभाग ने सभी विभागों को रिक्त पद और सेवानिवृत्ति के चलते अगले पांच वर्ष में रिक्त होने वाले पदों का ब्योरा भेजने को कहा है।
एक मोटे अनुमान के अनुसार राज्य में हर वित्त वर्ष में 13 से 15 हजार पद रिक्त होंगे। कारण, हर साल इसी प्रमाण में कर्मचारी-अधिकारी सेवामुक्त होने वाले हैं। पिछले काफी समय से सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर नियुक्तियों की मांग की जा रही थी।
नई भर्ती के लिए वित्त मंत्री वजूभाई वाला की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय उप-समिति गठित की गई है। उप-समिति नई भर्ती प्रक्रिया के संबंध में सरकार को सुझाव देगी। साथ ही कराधान वर्ष 2009-10 से 2016-17 की अवधि में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों-अधिकारियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए काम करेगी।
समिति मौजूदा भर्ती प्रक्रिया की समीक्षा एवं सरकारी विभागों में भर्ती हेतु वित्त विभाग से आवश्यक स्वीकृति प्राप्त करने की प्रथा पर विचार करेगी। इसके अलावा समिति को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं गृहविभाग के कामकाज की समीक्षा करने को भी कहा गया है।
(दैनिक भास्कर,गुजरात संस्करण,28 मई,2010)
आगे बढ़ें...
अल्पसंख्यक स्कालर्स को मिलेंगे 12 हजार प्रतिमाह
इसके आवेदन फार्म अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की वेबसाइट www.minoritywelfare.nic.in से डाउनलोड किए जा सकते हैं। इसमें मुस्लिम समुदाय के लिए 112 सीटे, बौद्ध और सिख समाज के लिए 3-3 सीटें हैं। प्रदेश से कुल 120 शोधार्थियों को इस योजना के लिए चुना जाएगा। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी राजा सिंह ने बताया कि इसमें दो साल की एमफिल और पीएचडी करने वालों को पांच साल तक फेलोशिप मिलती रहेगी।
सरकार चाहती है कि रुपयों के अभाव में किसी शोध की गुणवत्ता खराब न हो। इस फेलोशिप की सहायता से शोधार्थी अपना शोध अच्छी तरह से पूरा कर सकेंगे, क्योंकि देखा जाता है कि अक्सर धनाभाव के कारण प्रतिभाएं उभरने से पहले ही दब जाती हैं।
फेलोशिप की पात्रता के लिए पूरी चयन प्रकिया होगी। उसे पास करने के बाद ही फेलोशिप दी जाएगी। श्री सिंह ने बताया कि इससे संबंधित अधिक जानकारी विभाग की वेब साइट से हासिल की जा सकती है। पात्र छात्र-छात्राएं जिला अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के क्षेत्रीय कार्यालय से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं(दैनिक भास्कर,28.5.2010 में कानपुर से अतुल प्रताप सिंह की रिपोर्ट)।
आगे बढ़ें...
पंजाब में रेग्युलर परीक्षा देने की अनुमति मिली
इस फैसले से प्रदेश के लगभग 150 स्कूलों के बच्चों को इसका सीधा फायदा पहुंचेगा। इसका फैसला सेकेंडरी एजुकेशन निदेशालय ने लिया है। इन स्कूलों को विभाग ने संजीवनी बूटी सुंघाई है, लेकिन जो स्कूल इस बार असफल हो गए तो उन्हें बोर्ड की तरफ से आक्सीजन देना मुश्किल हो जाएगा।
पिछले वर्षो 2008-09 तथा 2009-10 जो स्कूल बोर्ड से संबंद्धता प्राप्त नहीं कर सके थे। उन्हें बोर्ड ने राहत प्रदान की है। निदेशालय ने कहा कि 10 अप्रैल 2007 से पूर्व जिन स्कूलों ने फार्म नंबर दो पर आवेदन किया था। उन सभी स्कूलों को अस्थाई संबंद्धता जारी हो सकेगी।
ताकि इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे पहले की तरह से रेगुलर परीक्षा दे सकें, लेकिन इन स्कूलों को अंतिम बार आक्सीजन देने का निर्णय लिया गया है, लेकिन इन स्कूलों को वह आवदेन बोर्ड को सौंपने होंगे, जिसके लिए उन्होंने पहले आवेदन किया था।
ऐसे स्कूलों को अपने आवेदन सात जून तक देने होंगे। निदेशालय ने आदेश जारी किए हैं कि ऐसे स्कूलों को भविष्य में ऐसी एक्सटेंशन नहीं दी जाएगी। बोर्ड ने ऐसे स्कूलों की तिथि बढ़ाने का भी निर्णय लिया है, जिनके पास संबंद्धता नहीं थी।
दिया अंतिम मौका
जिन्होंने संबंद्धता के लिए एप्लाई नहीं किया उन्हें निदेशालय ने अंतिम मौका दिया है। ताकि इन स्कूलों के विद्यार्थी परीक्षा दे सकें। इसके लिए अंतिम तिथि 7 जून रखी गई है।ज्ज
शेखर विद्यार्थी, सचिव, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, हरियाणा।
फैसले से स्कूलों को होगा फायदा
फेडरेशन आफ अनरिकोग्नाइज्ड स्कूल हरियाणा के प्रधान कुलभूषण शर्मा ने कहा कि इस फैसले के बाद उन स्कूलों को फायदा पहुंचेगा, जिन्हें बोर्ड से संबंद्धता नहीं मिली थी। उन्होंने बताया कि इस फैसले से प्रदेश के हजारों विद्यार्थियों को लाभ पहुंचेगा। वे अब रेगुलर दाखिला के साथ परीक्षा में बैठ सकेंगे।
(दैनिक भास्कर,हरियाणा संस्करण,28.5.2010 में अंबाला से उज्ज्वल शर्मा की रिपोर्ट)
आगे बढ़ें...
राजस्थान के शिक्षकों को नए पाठ्यक्रम के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) में सत्र 2010-11 में 26 हजार शिक्षकों को उनके विषय की अद्यतन जानकारी के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए हर जिले के बजट में अलग से व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षण में कंटेंट, मैथोडोलॉजी और नवाचार को शामिल किया जाएगा। राज्य में सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी के बीच ऎसा प्रशिक्षण अनिवार्य हो गया है। हालांकि पहले चरण में जल्दबाजी में प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
(राजस्थान पत्रिका,27 मई,2010)
आगे बढ़ें...
डीयू का बी.कॉम कोर्स
कॉलेजों के प्रिंसिपलों का कहना है कि कॉरपोरेट वर्ल्ड में अब बीकॉम ऑनर्स करने वाले स्टूडेंट्स की काफी डिमांड है और ये स्टूडेंट्स यह कोर्स करने के बाद एमबीए करते हैं। खास बात यह है कि स्टूडेंट्स की सोच में बदलाव आया है और हाई पैकेज उन्हें कॉरपोरेट वर्ल्ड की ओर खींच रहा है।
श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रिंसिपल डॉ. पी. सी. जैन बताते हैं कि पहले 70 से 80 पर्सेंट स्टूडेंट्स बीकॉम ऑनर्स करने के बाद सीए करना पसंद करते थे, लेकिन अब इस ट्रेंड में बदलाव आया है। अब काफी स्टूडेंट्स कॉरपोरेट र्वल्ड में जाना चाहते हैं और इसके लिए ग्रैजुएशन के बाद एमबीए और मैनेजमेंट के दूसरे टॉप कोर्स करना पसंद करते हैं। जैन के मुताबिक एसआरसीसी के काफी स्टूडेंट्स नामी कंपनियों को चला रहे हैं क्योंकि इस कोर्स के दौरान उन्हें मैनेजमेंट की ट्रेनिंग भी दी जाती है, प्रोजेक्ट भी करने को मिलते हैं।
खास बात यह है कि बीकॉम ऑनर्स के स्टूडेंट्स सिविल सविर्सेज में भी कामयाबी पाते हैं, एनजीओ में भी काम करते हैं, बैंकिंग व इंश्योरेंस सेक्टर में भी उनकी डिमांड है। इसके अलावा गवर्नमेंट जॉब में भी ये स्टूडेंट्स काफी संख्या में हैं, लेकिन कॉरपोरेट र्वल्ड में सैलरी पैकेज काफी हाई है और स्टूडेंट्स अब उस दिशा में जाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। बीकॉम कोसेर्ज में इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी और कंप्यूटर एजुकेशन पर खास फोकस हो गया है। ये कोर्स अब पूरी तरह से माकेर्ट ओरिएंटेड बन चुके हैं और कॉमर्स ही नहीं, बल्कि साइंस और आर्ट स्ट्रीम के स्टूडेंट भी इसमें अप्लाई करते हैं।
करियर ऑप्शन
बीकॉम के बाद रेवेन्यू सविर्सेज में करियर बनाया जा सकता है। फाइनैंस और माकेर्टिंग भी स्टूडेंट्स की टॉप चॉइस में रहते हैं। स्टूडेंट्स इनकम टैक्स, कस्टम, एक्साइज, सेल्स टैक्स और वैट जैसी फील्ड में करियर बनाते हैं। बैंकिंग, सीए, सीएस, कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंसी, चार्टर्ड फाइनेंशल एनालिस्ट, फाइनैंस, इंश्योरेंस, मैनेजमेंट की फील्ड में भी एंट्री आसान हो जाती है। बीकॉम ऑनर्स करने के बाद स्टूडेंट्स एमबीए भी करते हैं और उन्हें एमबीए करने के दौरान बीकॉम ऑनर्स कोर्स की पढ़ाई से काफी मदद मिलती है। इंटरनैशनल बिजनेस करने वाली कंपनियों में भी इन स्टूडेंट्स की काफी डिमांड रहती है।
बीकॉम ऑनर्स का सिलेबस
बिजनेस मैथमेटिक्स, कॉरपोरेट लॉ, बिजनेस ऑर्गनाइजेशन एंड मैनेजमेंट, फाइनैंशल अकाउंटिंग, बिजनेस कम्यूनिकेशन, पॉलिटिक्स, एथिक्स एंड सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी ऑफ बिजनेस, कॉरपोरेट अकाउंटिंग, कॉस्ट अकाउंटिंग, माइक्रोइकनॉमिक्स थ्योरी एंड ऐप्लिकेशन, बिजनेस स्टैटिक्स, बिजनेस लॉ, इंट्रोडक्शन टु कंप्यूटर एंड इन्फमेर्टिक्स सिस्टम, इनकम टैक्स एंड प्रैक्टिस, इंडियन इकॉनमी - परफॉर्मेंस एंड पॉलिसीज, प्रोजेक्ट वर्क, फाइनेंशल मैनेजमेंट, ई-कॉमर्स, ऑडिटिंग, फंडामेंटल ऑफ इनवेस्टमेंट, माकेर्टिंग एंड इंटरनैशनल बिजनेस, हिंदी, पॉलिटिकल साइंस, मैनेजमेंट अकाउंटिंग, मैक्रो-इकनॉमिक्स
बीकॉम का सिलेबस
फाइनेंशल अकाउंटिंग, बिजनेस एंड इंडस्ट्रियल लॉ, बिजनेस, मैथमेटिक्स एंड स्टैटिक्स, कॉरपोरेट अकाउंटिंग, कंपनी एंड कंपनेशन लॉ, इकनॉमिक्स, कॉस्ट अकाउंटिंग, कंप्यूटर ऐप्लीकेशन, इनकम टैक्स एंड ऑडिटिंग, ह्यूमैनटीज के पेपर, बिजनेस ऑर्गनाइजेशन एंड मैनेजमेंट।
(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,27.5.2010 में भूपेंद्र की रिपोर्ट)
आगे बढ़ें...
डीयू में साइंस में नया कोर्स
खास बात यह है कि सेमेस्टर को लेकर डीयू टीचर्स असोसिएशन (डूटा) कड़ा विरोध कर रहा है। 13 मई को ऐकडेमिक काउंसिल की मीटिंग में वीसी ने साइंस कोसेर्ज के सेमेस्टर वाइज सिलेबस को मंजूरी दी तो मेंबर्स काउंसिल हॉल में ही धरने पर बैठ गए। यह धरना चार दिन चला और उसके बाद टीचर्स और वीसी के बीच मीटिंग भी हुई। डूटा साइंस कोसेर्ज में भी सेमेस्टर को लेकर कड़ा विरोध कर रही है, लेकिन यूनिवसिर्टी ने सभी कॉलेजों के प्रिंसिपलों को लेटर भेजकर साइंस कोसेर्ज में सेमेस्टर लागू करने के फैसले के बारे में बता दिया है।
यूनिवर्सिटी ने एक और अहम फैसला करते हुए बीएससी अप्लाइड फिजिकल साइंस - इलेक्ट्रॉनिक्स और बीएससी अप्लाइड फिजिकल साइंसेज - कंप्यूटर साइंस को बीएससी (प्रोग्राम) फिजिकल साइंसेज के सेमेस्टर वाइज कोर्स के साथ मर्ज कर दिया है। मर्ज किए गए दोनों कोसेर्ज की सीटें बीएससी (प्रोग्राम) फिजिकल साइंसेज कोर्स में ट्रांसफर हो जाएंगी। यूनिवसिर्टी ने कॉलेजों से कहा है कि साइंस कोसेर्ज में इन बदलावों के बारे में स्टूडेंट्स को बताया जाए और मेन नोटिस बोर्ड और कॉलेज की वेबसाइट पर भी इस बारे में सूचना जारी की जाए।
यूनिवर्सिटी बीएससी केमिकल साइंस का नया कोर्स भी शुरू करना चाहती थी और इसका सेमेस्टर वाइज सिलेबस भी लाया गया था लेकिन इस कोर्स का नया सिलेबस फिलहाल टाल दिया गया है। इस साल डीयू में जहां साइंस में सेमेस्टर लागू होगा और दूसरे सब्जेक्ट में स्टूडेंट्स को एनुअल एग्जामिनेशन सिस्टम ही फॉलो करना पड़ेगा। हालांकि सेमेस्टर और एनुअल दोनों तरह के सिस्टम में ऐकडेमिक कैलंडर एक जैसा ही होगा। फर्स्ट सेमेस्टर एग्जाम के दौरान इन कोर्स के स्टूडेंट्स का मिड टर्म एग्जाम होगा। इसके अलावा इस साल सेकंड और थर्ड ईयर में पहुंचने वाले स्टूडेंट्स को भी र्फस्ट सेमेस्टर एग्जाम के दौरान मिड टर्म एग्जाम देना होगा। इस बार पीजी और अंडरग्रैजुएट लेवल पर ऐकडेमिक कैलंडर एक जैसा ही होगा।
इन कोसेर्ज में होगा सेमेस्टर
बीएससी (ऑनर्स) - फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉटनी, जूऑलजी, जियॉलजी, एंथ्रोपोलोजी, बायो-केमिस्ट्री, माइक्रोबायोलोजी, बायो-मेडिकल साइंसेज, नर्सिंग
बीएससी (प्रोग्राम) - फिजिकल साइंसेज, लाइफ साइंसेज
सेमेस्टर सिस्टम का कैलंडर
सेमेस्टर-1
क्लास शुरू होंगी : 21 जुलाई 2010
मिड सेमेस्टर बेक : 4 अक्टूबर से 14 अक्टूबर
क्लास दोबारा शुरू होंगी : 15 अक्टूबर से 19 नवंबर
प्रिपरेशन लीव और एग्जाम : 20 नवंबर से 10 दिसंबर
रिजल्ट : 11 दिसंबर से 10 जनवरी के बीच
विंटर बेक : 11 दिसंबर से 2 जनवरी
सेमेस्टर-2
क्लास लगेंगी : 3 जनवरी से 16 अप्रैल 2011
प्रिपरेशन लीव और एग्जाम : 18 अप्रैल से 20 मई
रिजल्ट : 21 मई से 20 जून के बीच
समर वेकेशन : 21 मई से 20 जुलाई
(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,28.5.2010)
आगे बढ़ें...
हिसार कृषि विश्वविद्यालय में आवेदकों की संख्या बढ़ी
आगे बढ़ें...
जानिए-सीबीएसई की ग्रेडिंग प्रणाली को
दसवीं कक्षा में ए, बी, सी, डी के इस नए गणित में ई ग्रेड पाने वाले छात्र को दोबारा परीक्षा की कसौटी से गुजरना होगा। दसवीं में तय इस सिस्टम में ई ग्रेड ४० से कम प्रतिशत पाने वाले छात्रों के लिए है। मतलब इन छात्रों को अगली कक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी और इन्हें योग्यता प्रमाण पत्र भी नहीं दिया जाएगा। एक ओर हिसाब किताब अंकों वाला ही है। मतलब पास प्रतिशत नहीं पाने वाले छात्र को दोबारा परीक्षा देनी होगी।
ई १ और ई २ ग्रेड पाने वाले छात्रों को पांच प्रयासों से अपने प्रदर्शन में सुधार दिखाना होगा तभी उन्हें अगली कक्षा के लिए योग्यता प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसके अलावा जिन छात्रों ने अतिरिक्त विषय लिया हुआ है, उन्हें डी ग्रेड लाने के साथ ही अतिरिक्त विषय को भी पास करना जरूरी होगा। अगले प्रयासों में शामिल होने के लिए छात्र को पंजीकरण कराना जरूरी होगा। पंजीकरण न कराने की स्थिति में छात्र को परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा।
* ९१ से १०० प्रतिशत : ए १
* ८१ से ९० प्रतिशत : ए २
* ७१ से ८० प्रतिशत : बी १
* ६१ से ७० प्रतिशत : बी २
* ५१ से ६० प्रतिशत : सी १
* ४१ से ५० प्रतिशत : सी २
* ३३ से ४० प्रतिशत : डी
* २१ से ३२ प्रतिशतः ई १
* २० व इससे कम प्रतिशत : ई २
आगे बढ़ें...
हिमाचल में निजी स्कूलों में शिक्षा बोर्ड की पुस्तकें लागू न करने पर मान्यता रद्द होगी
कल बोर्ड सभागार में जिला कांगड़ा के निजी स्कूल प्रबंधकों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए गुप्ता ने कहा कि पिछले वर्ष के शैक्षणिक सत्र में बोर्ड द्वारा प्रकाशित 90 फीसदी पुस्तकें सरकारी स्कूलों को सप्लाई की गई, ऐसे में निजी स्कूलों में स्टूडेंट्स को कौन-सी किताबें पढ़ाई जा रही थी, यह स्पष्ट हो जाता है, लेकिन भविष्य में ऐसा नहीं होने दिया जाएगा। बोर्ड से संबद्धता प्राप्त निजी स्कूलों को अब 8 वर्ष का संबद्धता कार्यकाल पूर्ण करने वाले निजी स्कूलों को सीबीएसई से संबद्धता प्राप्त करने के लिए एनओसी जारी किया जाएगा। एनओसी के नाम पर अभिभावकों को भ्रमित करने वाले स्कूल प्रबंधकों के खिलाफ बोर्ड कार्रवाई करेगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रावधान है कि ऐसे स्कूलों के पहली बार पकड़े जाने पर एक लाख रुपए जुर्माना और दूसरी 10 हजार रुपए प्रतिदिन जुर्माना वसूला जाएगा(दैनिक ट्रिब्यून,28 मई,2010,हिमाचल संस्करण)।
आगे बढ़ें...
सीबीएसईः10वीं की परीक्षा में भी लड़कियों का प्रदर्शन बेहतर
आगे बढ़ें...
सीबीएसई की 10वीं का रिजल्टः साइट न खुल रही हो तो इन नम्बरों को आजमाएँ
आगे बढ़ें...
सीबीएसई 10वीं का परिणाम टाटा इंडीकॉम मोबाईल पर
आगे बढ़ें...
डीयू में आज से एडमिशन शुरू। कुछ बुनियादी जानकारियों पर एक बार और नज़र डाल लें
आगे बढ़ें...
27 मई 2010
यूपी बोर्ड की बारहवीं का रिजल्ट यहां देखें
आगे बढ़ें...
निराशा के क्षणों में......
आगे बढ़ें...
सुपर-30 की सुपर सफलता
आगे बढ़ें...
आईआईटी की ऑनलाइन काउँसिलिंग शुरू
दिल्ली जोन टॉपर : सहल कौशिक
मुंबई जोन टॉपर : ओमकार प्रसाद
कानपुर जोन टॉपर : राज द्विवेदी
ख़ड़गपुर जोन टॉपर : विपुल सिंह
गुवाहाटी जोन टॉपर : साकेत कुमार
रुड़की जोन टॉपर : हिमांशु गुप्ता
२०१० में परीक्षार्थियों की संख्या : ४ लाख ७२ हजार
सफल परीक्षार्थी : १३१०४
२००९ में प्रवेश परीथार्थियों की संख्या : ३८४९९७
सफल परीक्षार्थी : १००३५
आगे बढ़ें...